अज मैं तारामंडल के बारे में बताऊंगा और ये कैसे ज्योतिष के साथ संबंध है वो जानेंगे हम तो इसके पहले जाते हैं तारामंडल क्या है | खगोलशास्त्र में तारामंडल आकाश में दिखने वाले तारों के किसी समूह को कहते हैं। इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं नें आकाश में तारों के बीच में कल्पित रेखाएँ खींचकर कुछ आकृतियाँ प्रतीत करते हैं जिन्हें उन्होंने आकार के हिसाब से भिन्न नाम दे दिए | प्राचीन भारत में तारामंडलों को नक्षत्र कहा जाता था। आधुनिक काल के खगोलशास्त्र में तारामंडल उन्ही तारों के समूहों को कहा जाता है | ध्यान रहें कि किसी तारामंडल में दिखने वाले तारे और अन्य वस्तुएँ पृथ्वी से देखने पर भले ही एक-दूसरे के नजदीक लगें लेकिन बास्तव में यह समीप नहीं है | ईस तारे के आकार, पृथ्वी से दूरी और तापमान में एक दसरे से बहुत भिन्न भिन्न होते हैं। फीके तारे चमकीले तारों की तुलना में छोटे, अधिक दूर या ठंडे भी हो सकते हैं। तारामंडल, कुछ सितारों का पता लगाने में खगोलविदों को और नाविकों के दिक निर्णय करने में सहायता करने में उपयोगी होते हैं।
ज्योतिष राशि चक्र के संकेत खगोल विज्ञान से कैसे संबंधित हैं ?
हालांकि बहुत से लोग अपने दिन की शुरुआत अखबार में अपना राशिफल देखकर शूरू करते हैं, लेकिन राशि चक्र के अनुसार सिर्फ 12 नक्षत्र के ही जरुरत होते हैं अन्य 76 नक्षत्रों अधिक महत्वपूर्ण होता नहीं हैं।
राशि चक्र का महत्व इस तथ्य से आते हैं कि आकाश पर अण्डाकार संकीर्ण रास्ता जिसका अनुसरण करते हुए सूर्य, चंद्रमा और ग्रह - इन तारा समूहों के माध्यम से सीधे चलते हैं।और इस से निर्णय होते हैं किसी का राशि चक्र। भारतीय संस्कृति में चंद्र के अबस्थान से राशिचक्र निर्णय होते हैं और वेस्टर्न कल्चर में सूर्य के हसब से राशिचक्र निर्णय होते हैं |
प्राचीन काल से ही सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों को ज्योतिषीय के साथ साथ खगोल विज्ञान के अनुसार विशेष रूप में जाना जाता है तो इसके पहले जाते हैं तारामंडल क्या है||
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